कोरबा। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने परिवार सहित गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘साबरमती’ का सामूहिक प्रदर्शन किया। यह फिल्म हाल ही में 15 नवंबर 2024 को रिलीज हुई है और इसमें वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड की सच्चाई को उजागर किया गया है। फिल्म में दिखाया गया कि कैसे सोची-समझी साजिश के तहत साबरमती एक्सप्रेस को आग के हवाले किया गया, जिसमें अयोध्या से लौट रहे श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया। इस हृदयविदारक घटना में 59 लोग जिंदा जल गए थे।
चित्रा टॉकीज में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 180 लोगों ने भाग लिया। फिल्म समाप्त होने के बाद सभी उपस्थित लोगों ने गोधरा कांड में मारे गए निर्दोष लोगों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया। साथ ही उपस्थित जनों ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे भी अपने परिवार के साथ यह फिल्म देखें ताकि गोधरा कांड की सच्चाई जन-जन तक पहुंचे।
सामाजिक संगठनों ने यह भी बताया कि उस समय जो षड्यंत्र रचा गया था, उसी मानसिकता से प्रेरित लोग आज भी समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था और आज भी यह घटना एक सचेत संदेश देती है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से आशीष गोयल, महेंद्र सिंह, अनूप, कृष्णकांत गुप्ता, चिंतामणि, सुरेंद्र गुप्ता, मोतीलाल, अमरेश शर्मा, और उत्तम जैसे सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि इस फिल्म को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना जरूरी है ताकि देश को गोधरा कांड जैसे त्रासदी से सीख मिल सके।
चित्रा टॉकीज में इस सामूहिक प्रदर्शन के जरिए न केवल गोधरा कांड के सच को उजागर करने का प्रयास किया गया, बल्कि समाज में आपसी भाईचारे और एकता का संदेश भी दिया गया। ‘साबरमती’ फिल्म ने समाज को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।