NE

News Elementor

What's Hot

छत्तीसगढ़ में DJ बजाने के नए सख्त नियम और गाइडलाइन्स, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के नए दिशा-निर्देश

Table of Content

Spread the love

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 और उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत DJ बजाने से संबंधित कई सख्त नियम और गाइडलाइन्स लागू की गई हैं। इन नियमों का उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना और लोगों की सेहत और शांति बनाए रखना है।

DJ बजाने पर गाइडलाइन्स और नियम

1. वाहनों पर DJ बजाने पर प्रतिबंध: छत्तीसगढ़ में किसी भी वाहन पर DJ या साउंड बॉक्स लगाकर बजाने की सख्त मनाही है। वाहन में साउंड बॉक्स मिलने पर तुरंत जब्त कर लिया जाता है, और वाहन का रिकॉर्ड रखा जाता है। पहली बार जब्त होने पर इसे मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही छोड़ा जाता है। अगर दूसरी बार फिर पकड़ा जाता है, तो वाहन का परमिट रद्द कर दिया जाता है, और बिना माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के नया परमिट जारी नहीं किया जा सकेगा।

2. अवमानना कार्यवाही: उच्च न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई अधिकारी इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई हो सकती है। उच्च न्यायालय ने साफ किया है कि अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण के मामलों में सक्रिय रूप से काम करना चाहिए और किसी शिकायत का इंतजार नहीं करना चाहिए।

3. धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में ध्वनि नियंत्रण: शादी, जन्मदिन या अन्य धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में अगर DJ या साउंड सिस्टम से निर्धारित मापदंडों से अधिक ध्वनि उत्पन्न होती है, तो अधिकारी को वहां पहुंचकर आयोजकों को नम्रतापूर्वक नियमों का पालन करने को कहना होगा। अगर आयोजक नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण उपकरण जैसे DJ, साउंड सिस्टम आदि का उल्लंघन होने पर उन्हें सीधा जब्त कर लिया जाएगा।

4. प्रेशर हार्न और मल्टी टोन हार्न पर प्रतिबंध: वाहनों में प्रेशर हार्न या मल्टी टोन हार्न का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अगर कोई वाहन ऐसा हार्न लगाए पाया जाता है, तो अधिकारी तुरंत उसे निकालकर नष्ट करेंगे और वाहन की जानकारी रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे। अगर वाहन दूसरी बार पकड़ा जाता है, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा और बिना उच्च न्यायालय के आदेश के नहीं छोड़ा जाएगा।

5. लाउडस्पीकर बजाने के प्रतिबंध: स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, और ऑफिस के 100 मीटर एरियल डिस्टेंस के अंदर लाउडस्पीकर बजाने पर सख्त प्रतिबंध है। ऐसे मामलों में, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक (SP), और DSP को कार्रवाई करनी होती है। ध्वनि प्रदूषण करने वाले यंत्रों को तुरंत जप्त कर लिया जाएगा, और मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना इन्हें वापस नहीं किया जा सकेगा। दूसरी बार गलती करने पर इन्हें वापस करने के लिए उच्च न्यायालय के आदेश की आवश्यकता होगी।

ध्वनि प्रदूषण के कानूनी पहलू

भारत सरकार द्वारा ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 को लागू किया गया है, जो 14 फरवरी 2000 से प्रभावी है। इन नियमों के अंतर्गत ध्वनि की सीमा तय की गई है, जिसे लांघने पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन के लिए सख्त कानून बनाए हैं, ताकि DJ और साउंड सिस्टम से उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण को रोका जा सके।

साथ ही, माननीय उच्च न्यायालय ने इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण का जिम्मेदार माना है। उन्हें ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए सक्रियता से काम करने और ध्वनि प्रदूषण के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Recent News

Trending News

Editor's Picks

“ख़बर छत्तीसगढ़ी” एक समाचार वेबसाइट है जो छत्तीसगढ़ क्षेत्र से नवीनतम और सबसे प्रासंगिक समाचार लाने के लिए समर्पित है।

Popular Categories

Must Read

©2024- All Right Reserved. Designed and Developed by  Blaze Themes