बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में हाल ही में आयोजित मैच रेफरी सेमिनार में टीम इंडिया के पूर्व कोच और कप्तान राहुल द्रविड़, पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले, ICC मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ, और ICC एलीट पैनल अंपायर नितिन मेनन ने अपनी विशेषज्ञता साझा की। सेमिनार का उद्देश्य प्रतिभागियों को क्रिकेट मैचों में रेफरी की भूमिका और विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना था।
इस कार्यक्रम में NCA के हेड ऑफ एजुकेशन, सुजीत सोमसुंदर ने भी भाग लिया और प्रतिभागियों को विभिन्न दृष्टिकोणों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मैच रेफरी की भूमिका केवल खेल के नियमों को लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि खेल की अखंडता को बनाए रखना भी उनकी जिम्मेदारी होती है।
राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले ने अपने अनुभवों के आधार पर मैच रेफरी की भूमिका की जटिलताओं और उसकी महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला। द्रविड़ ने अपने कोचिंग और कप्तानी के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एक मैच रेफरी को खेल के हर पहलू की गहन समझ होनी चाहिए, ताकि वह किसी भी परिस्थिति में सही निर्णय ले सके। कुंबले ने तकनीकी पहलुओं और मैच के दौरान उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।
जवागल श्रीनाथ, जिन्होंने ICC में कई महत्वपूर्ण मैचों में रेफरी की भूमिका निभाई है, ने कहा कि मैच रेफरी को तटस्थ और निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल के दौरान भावनाएं उभरती हैं, लेकिन एक रेफरी को उन पर नियंत्रण रखना होता है और नियमों के तहत ही काम करना होता है।
नितिन मेनन ने अंपायरिंग के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अंपायर और रेफरी का समन्वय बहुत महत्वपूर्ण है और इससे खेल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य नए रेफरीज़ को मैच में सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना और उन्हें खेल की गहन समझ प्रदान करना था। इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को विशेषज्ञों के अनुभव से सीखने का अनमोल अवसर प्रदान किया, जिससे वे अपने भविष्य के कार्यों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।