हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति पिछले कुछ वर्षों में चुनौतीपूर्ण रही है, और राज्य सरकार इस संकट से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की वित्तीय स्थिति और उससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी कर्मचारियों को 5 सितंबर को वेतन और 10 सितंबर को पेंशन जारी करने का आदेश दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में राज्य सरकार को एक निश्चित प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है, जिससे सालाना 36 करोड़ रुपये और मासिक लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इस कारण सरकार ने समय पर वेतन और पेंशन देने का निर्णय लिया है ताकि इस नुकसान से बचा जा सके।
#WATCH | On the financial situation in the state, Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh says, "CM has said that all state government employees will get salary on 5th September and pension will be released on 10th September. He argued that it attracts a certain percentage… pic.twitter.com/VpkeEsTRQ3
— ANI (@ANI) September 4, 2024
मंत्री ने स्वीकार किया कि पिछले दो से ढाई दशकों से हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने समय-समय पर ऋण लिया है और विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक के साथ-साथ केंद्र से भी सहायता प्राप्त की है। आज, राज्य में वित्तीय संकट स्पष्ट है, विशेष रूप से राज्य के राजस्व घाटा अनुदान में कटौती के कारण।
हालांकि, सरकार इस संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य को अपनी आबकारी नीति से करोड़ों रुपये का लाभ हुआ है। इसके अलावा, सरकार ने राज्य में जल उपकर लगाया है, जिससे राजस्व में वृद्धि हो रही है।
सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए नई योजनाओं और नीतियों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज सदन में ‘भांग’ की खेती को वैध बनाने के लिए एक नया विधेयक पारित होने वाला है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राज्य की आय में वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि भांग की खेती केवल नशे के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय, कपड़े, और अन्य उपयोगी चीज़ें बनाने के लिए भी की जाती है। अगर इसे वैधानिक तरीके से उगाया जाए, तो इससे राज्य को राजस्व में बड़ा लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
हिमाचल प्रदेश की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए, सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। सिंह ने कहा कि राज्य में नई योजनाओं और नीतियों के माध्यम से राजस्व में वृद्धि की संभावना है। सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विशेष ध्यान दिया है। मंत्री ने कहा कि राज्य के नागरिकों की भलाई और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। सिंह ने कहा कि राज्य में वित्तीय संकट को देखते हुए, सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और आने वाले समय में और भी सुधार की योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राज्य की वित्तीय स्थिति को स्थिर करना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। मंत्री ने अंत में कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास आर्थिक सुधार के लिए कई योजनाएं हैं और वह इन योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सिंह ने विश्वास जताया कि इन कदमों से राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और हिमाचल प्रदेश एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होगा।