छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद चुनाव 2025 को लेकर पूरे प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। इस बार राज्यभर से लगभग 105 अधिवक्ताओं ने अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की है, जिनमें से केवल 25 सदस्यों का निर्वाचन किया जाना है। आगामी 30 सितंबर 2025 को निर्धारित मतदान के लिए अधिवक्ता समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
इसी बीच, अधिवक्ता श्री रविन्द्र कुमार पाराशर (प्रत्याशी क्रमांक 75) अपने सजग और सूझबूझ भरे कदमों के चलते राज्य भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, परिषद चुनाव से जुड़े एक अहम नियम को लेकर मतदाताओं एवं प्रत्याशियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। भारतीय विधिज्ञ परिषद द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मतदाता को कम से कम पांच प्रत्याशियों को वरीयता क्रम (1 से 5) में अंकित करना अनिवार्य है, अन्यथा रिटर्निंग अधिकारी के विवेकाधिकार पर मतपत्र को अमान्य किया जा सकता है।
इस जटिल नियम की जानकारी न तो अधिवक्ता संघों को थी, न प्रत्याशियों को और न ही आम मतदाताओं को। ऐसी स्थिति में अधिवक्ता रविन्द्र कुमार पाराशर ने समय रहते पहल करते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की और इस मुद्दे पर स्पष्टता लाने की मांग की। उन्होंने एक औपचारिक पत्र के माध्यम से अनुरोध किया कि इस दिशा-निर्देश की जानकारी प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों में स्पष्ट रूप से चस्पा की जाए, जिससे कोई भी मतदाता जानकारी के अभाव में अपने मताधिकार से वंचित न हो।
उनकी इस पहल को अधिवक्ता समाज में व्यापक सराहना मिल रही है। श्री पाराशर न केवल एक प्रत्याशी के रूप में बल्कि एक जागरूक नागरिक की भूमिका में भी नजर आ रहे हैं, जिन्होंने मतदाताओं की दुविधा को समय रहते समझा और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास किया।
इस कदम ने न केवल उनकी लोकप्रियता को बढ़ाया है, बल्कि उन्हें चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जागरूकता का प्रतीक बना दिया है। अधिवक्ताओं के बीच उनकी इस सक्रिय भूमिका की प्रशंसा की जा रही है और उन्हें एक जिम्मेदार नेतृत्वकर्ता के रूप में देखा जा रहा है।