कोरबा के SECL गेवरा खदान म संचालित ऑउटसोर्सिंग कंपनी रूंगटा के द्वारा मजदूर को उचित मजदूरी दर नहीं दे रहा है. मजदूरों का शोषण के विरुद्ध छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना द्वारा कलेक्टर से शिकायत की.
जानकारी के अनुसार पूरा मामला एसईसीएल गेवरा खदान का है. जहाँ रुंगटा कंपनी में अंडर टेंकिंग कंपनी बालाजी है. जहां मजदूरों का दर के अनुसार वेतन नहीं मिलता है. यह आरोप छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने कलेक्टर परिसर में मीडिया से बात करने के दौरान लगाया गया है. छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना अध्यक्ष ने कहा है कि हम मजदूरों के साथ हैं हम उनका हक दिलाने के लिए एसईसीएल गेवरा कंपनी का घेराव करेंगे अगर जरूत पड़ी तो खदान में उतरकर रूंगटा कंपनी का पूरा काम बंद करेंगे. यहां भी अगर बात नहीं बनी तो पूरा मामला को न्यायालीन प्रक्रिया ले जाते हुए माननीय उच्च न्यायालय में परिवाद दायर कर अपील करेंगे. मजदूरों को हक मिलना चाहिए. यह उनका अधिकार है. और ऐसी दुर्भावना पूर्ण तरीके से किसी को कम वेतन देना कहां सही है. एक दिन के हाजिरी 13 सो रुपए है. एक महीने का लगभग वेतन 39000 होता है. लेकिन बालाजी कंपनी के द्वारा मजदूरों को 21000 वेतन दिया जा रहा है. मात्र ₹3600 पीएफ अकाउंट में डाला जा रहा है. जबकि रूंगटा कंपनी के अंडर टेकिंग कंपनी बालाजी मजदूरों का शोषण कर रहा है. मजदूरों के मूलभूत सुविधा भवन का हक मिलना चाहिए.
बालाजी कंपनी में ड्राइवर काम करने वाले धन सिंह ने बताया कि 10 अगस्त 2023 को एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट स्थित नीजि कंपनी VFPL- ASIPL JV COMPANY रूंगटा कंपनी एवं उसके अंडर टेंकिंग कंपनी बालाजी (संचालक आशीष अग्रवाल) के द्वारा मुझे ड्राइवर काम करने के लिए कर्मचारी नियुक्त किया है, जिसे मैनें पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से अपना काम कर रहा हूँ। जिसका मजदूरी मुझे दो-तीन माह तक रूंगटा बालाजी कंपनी के द्वारा दिया जा रहा है, उसके बाद वेतन का भुगतान रूंगटा कंपनी के द्वारा बैंक के माध्यम से भुगतान किया जाता है। मेरे कार्य के दौरान प्रतिमाह 3600/ रू. (तीन हजार छः सौ रूपये) पीएफ भी इन कंपनी के द्वारा काटा जाता है, और कुछ महीने का पीएफ को मेरे खाता मे शो भी नहीं किया जा रहा है। तथा कंपनी के द्वारा एचपीसी रेट से मजदूरी का भुगतान नही किया जाता है। जिसके कारण मैं आज कलेक्टर ऑफिस जाकर इसकी शिकायत की है मुझे उचित भुगतान दिलाने के लिए बालाजी कंपनी को आदेशित करें.