कोरबा जिला के गेवरा खदान का मामला है बता दे आउटसोर्सिंग कंपनी रूंगटा, पेटी कॉन्ट्रैक्टर बालाजी के खिलाफ मजदूरों ने मजदूरी दर में कटौती को लेकर पहले तो कलेक्टर कोरबा को शिकायत की उसके बाद 30 अगस्त को बिलासपुर के श्रम आयुक्त की शिकायत की गई. पूरा मामला एसईसीएल गेवरा खदान का है, यहां आउटसोर्सिंग रुंगटा कंपनी व पेटी ठेकेदार बालाजी के द्वारा गेवरा खदान से कोयला निकालने का काम चल रहा है. मजदूरों को एचपीसी द्वारा निर्धारित मजदूरी दर 1305 रुपए है, जबकि कंपनी कॉन्टैक्टर बालाजी कंपनी के द्वारा इसे कम दर से मजदूरों को भुगतान दे रही है. मजदूरों का कहना है कि मजदूरों को HPC द्वारा निर्धरित मजदूरी दर नहीं दिया जा रहा है, 1305 रूपए प्रतिदिन की दर से वेतन निर्धारित है, लगभग 34000 हो रहा है, लेकिन 21000 दिया जा रहा है, परन्तु उसमें भी PF के नाम से 3600 रूपए काट दिया जा रहा है. जिसको लेकर सैकड़ों मजदुर आक्रोशित है. आधी सैलरी में ही काम चलाना पड़ रहा है. अगर कंपनी के खिलाफ आवाज उठाते हैं काम ठीक से नहीं कर रहे हो करके बैठा दिया जाता है. इस कारण से मजबूरी वश काम करना पड़ रहा है. लेकिन जब से हमारा सपोर्ट छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना कर रही है. हमें अपना अधिकार लड़ने का रास्ता दिख रहा है. हमारी मूलभूत सुविधाओं का बात करना छत्तीसगढ़िया लोगों के हितों का रक्षा के लिए कंपनी के खिलाफ में चरण आंदोलन करने की तैयारी में हम सब जुड़ गए हैं.
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के अध्यक्ष का कहना
छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी का कहना है कि प्रदेश में अगर मजदूर, किसानों के साथ शोषण होगा. तो हम लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. कोरबा की कोयला खदानों में मजदूरों के साथ जो हो रहा है. कम वेतन देना, मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, बिना बताए नौकरी से निकाल देना इस तरह मजदूरों के साथ शोषण हो रहा है. इसके खिलाफ में हम प्रबंधन को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. 30 अगस्त को बिलासपुर श्रम आयुक्त से मुलाकात की गई. उचित व कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया है, मजदूरों का साथ देने छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी जी के नेतृत्व में सभी ने शिकायत दर्ज कराया.