कोरबा जिले के थाना और चौकी क्षेत्रों में डीजे संचालकों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और आगामी त्योहारों के दौरान उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना था। बैठक में पुलिस अधीक्षक कोरबा, श्री सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशानुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान और नेहा वर्मा के पर्यवेक्षण में जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि डीजे साउंड सिस्टम का उपयोग निर्धारित समय सीमा के भीतर ही किया जाए। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे साउंड सिस्टम के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, न्यायालय, अस्पताल और शिक्षण संस्थानों के 200 मीटर के दायरे में डीजे साउंड सिस्टम का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। डीजे संचालकों को केवल उन कार्यक्रमों में डीजे साउंड सिस्टम का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, जिनके लिए उन्हें माननीय एसडीएम न्यायालय से अनुमति प्राप्त हो।
इस वर्ष कोलाहल अधिनियम के तहत कुल 21 कार्रवाइयां की गई हैं, और अधिकारियों ने डीजे संचालकों को सख्त हिदायत दी कि वे भविष्य में भी इस अधिनियम का पालन करें। यदि कोई संचालक आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उनके द्वारा उपयोग की गई गाड़ी को भी राजसात किया जा सकता है। यह कदम त्योहारों के दौरान जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
अधिकारियों ने बैठक में डीजे संचालकों को यह भी बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं और उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस निर्देश का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि त्योहारों के दौरान लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
मीटिंग के दौरान उपस्थित डीजे संचालकों ने भी अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वे नियमों का पालन करेंगे और किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होने देंगे। पुलिस प्रशासन ने भी स्पष्ट किया कि वे हर संभव कदम उठाएंगे ताकि जिले में शांति और व्यवस्था बनी रहे। त्योहारों के दौरान शांति बनाए रखने और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन की इस पहल की सराहना की गई है।
इस बैठक के माध्यम से कोरबा पुलिस ने यह संदेश दिया कि जिले में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वे किसी भी प्रकार की ढील नहीं देंगे और नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की बैठकों का आयोजन आगे भी होता रहेगा ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखने में कोई कमी न रह जाए।
पुलिस की इस पहल का उद्देश्य यह है कि सभी लोग त्योहारों का आनंद शांति और सौहार्द के साथ ले सकें, और साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या शोर-शराबा लोगों की दिनचर्या या स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न डाले।