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Sarvmangla Mandir Korba | 123 साल पुराना सर्वमंगला मंदिर, रहस्यमयी गुफा और हसदेव तट पर आस्था का अद्वितीय केंद्र

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नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही कोरबा जिले का प्रसिद्ध सर्वमंगला मंदिर श्रद्धालुओं से भर गया है। हसदेव नदी के तट पर स्थित यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है और पूरे क्षेत्र में विशेष आस्था का केंद्र माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में यहाँ देवी दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना होती है और ज्योति कलशों की स्थापना की जाती है, जिससे पूरे परिसर में भक्ति का अद्वितीय माहौल बन जाता है। हर दिन यहाँ सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं, जबकि नवरात्रि के दौरान यह संख्या हज़ारों में पहुँच जाती है।

सर्वमंगला मंदिर(Sarvmangla Mandir) का ऐतिहासिक महत्व

सर्वमंगला मंदिर(Sarvmangla Mandir) का निर्माण कोरबा के जमींदार राजेश्वर दयाल के पूर्वजों द्वारा 1898 के आस-पास कराया गया था, और इसका इतिहास लगभग 123 साल पुराना है। मंदिर की दीवारों पर माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की सुंदर चित्रकारी की गई है, जो यहाँ की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाती है। मंदिर के पुजारी अनिल पांडे के अनुसार, परिसर में एक 500 साल पुराना वटवृक्ष भी है, जिसे मनोकामना पूर्ण करने वाला माना जाता है। श्रद्धालु इस वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नतें मांगते हैं।

सर्वमंगला मंदिर में गुफा और सूर्य देवता की प्रतिमा

मंदिर के बारे में एक और विशेष तथ्य यह है कि यहाँ एक गुफा है, जो नदी के नीचे से गुजरती है और दूसरी ओर निकलती है। कहा जाता है कि रानी धनराज कुंवर देवी इस गुफा से अपनी दैनिक यात्रा किया करती थीं।

सर्वमंगला मंदिर के ऊपरी मंजिल पर एक विशेष आकर्षण सूर्य देवता की भव्य प्रतिमा है, जिसमें वह घोड़ों से सजे रथ पर विराजमान हैं। मंदिर के विभिन्न तल पर विष्णु धाम, शिवलिंग और राम भक्त हनुमान जी के छोटे-छोटे मंदिर भी स्थापित हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।

सर्वमंगला मंदिर(Sarvmangla Mandir) में नवरात्रि में विशेष आयोजन

नवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जा रहा है। हर साल की तरह, इस वर्ष भी हज़ारों की संख्या में ज्योति कलश की स्थापना की जा रही है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं, ताकि भक्तों को किसी तरह की असुविधा न हो। इस दौरान मंदिर में भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है, जो भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है।

सर्वमंगला मंदिर तक पहुँचने का मार्ग

कोरबा शहर से सर्वमंगला मंदिर की दूरी लगभग 7 से 8 किलोमीटर है। यदि आप जांजगीर-चांपा से आ रहे हैं, तो यह मंदिर करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि बिलासपुर से यहाँ तक पहुँचने में 80 किलोमीटर का सफर करना होता है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 280 किलोमीटर तय करना होगा। मंदिर परिसर के आसपास कई छोटे-बड़े मंदिर भी हैं, जैसे त्रिलोकीनाथ मंदिर, काली मंदिर, शीतला माता मंदिर और भैरवनाथ मंदिर, हनुमान मंदिर जो धार्मिक स्थलों के रूप में प्रसिद्ध हैं।

नवरात्रि के दौरान मंदिर के बाहर कई स्टाल लगाए गए हैं, जहाँ से भक्त प्रसाद और पूजा सामग्री खरीद सकते हैं। इस अवधि में स्थानीय व्यापारियों के लिए भी यह एक अच्छा अवसर साबित होता है, क्योंकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु यहाँ से बड़ी मात्रा में पूजा सामग्री खरीदते हैं।

नवरात्रि के पहले दिन से ही मंदिर में भव्य कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है, और आने वाले दिनों में यह आयोजन और भी भव्य रूप लेगा। कोरबा के सर्वमंगला मंदिर की यह दिव्यता न सिर्फ शहरवासियों के लिए, बल्कि दूर-दराज से आने वाले भक्तों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।

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