कोलकाता, 16 सितंबर 2024: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया फैसले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल, डीसी नॉर्थ अभिषेक गुप्ता और दो स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाए जाने के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार को निशाने पर लेते हुए बड़ा बयान दिया है।
मजूमदार ने कहा, “ममता बनर्जी ने कुछ मांगें स्वीकार कर ली हैं, जबकि पहले वह कह रही थीं कि वह सीपी (पुलिस कमिश्नर) को नहीं हटाएंगी। बंगाल के लोग लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे थे और अंततः मुख्यमंत्री ने दबाव में आकर कुछ कदम उठाए हैं।”
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक “व्यवस्थित विफलता” है, जिसके लिए पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि “बंगाल के लोगों का मुख्यमंत्री पर से विश्वास उठ गया है” और यही कारण है कि भाजपा अब ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर आक्रामक हो गई है।
मजूमदार ने ममता के एक पुराने बयान को भी याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जनता चाहेगी तो वह इस्तीफा देंगी। भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि पार्टी ममता के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी और राज्य में निष्पक्ष प्रशासन की मांग को लेकर जनता के साथ खड़ी रहेगी।
भाजपा का मुख्यमंत्री पर आरोप
भाजपा का कहना है कि बंगाल में हाल के घटनाक्रम प्रशासनिक विफलता की ओर इशारा करते हैं और मुख्यमंत्री का जनता से संवाद टूट चुका है। पार्टी का दावा है कि ममता सरकार को लोगों की भावनाओं को समझना चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए, ताकि राज्य में बेहतर शासन की उम्मीद की जा सके।
राजनीतिक माहौल में तनाव
ममता बनर्जी द्वारा पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने के इस कदम ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा इस मौके को ममता सरकार के खिलाफ एक बड़े अभियान में बदलने की कोशिश कर रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है।
बंगाल की राजनीति में इस समय तनाव चरम पर है और भाजपा ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर अपनी लड़ाई को और तेज करने की तैयारी कर रही है। देखना होगा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस दबाव के बीच क्या कदम उठाती हैं और राज्य की राजनीतिक दिशा किस ओर मुड़ती है।