रायपुर. संभागायुक्त महादेव कावरे ने धमतरी जिले के बेलरगांव तहसीलदार अनुज पटेल को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। तहसीलदार पटेल पर बिना सक्षम अनुमति के मुख्यालय से बाहर रहने और शासकीय कार्यों में अपेक्षित प्रगति न होने के आरोप लगाए गए हैं। उनके खिलाफ विभिन्न स्तरों पर शिकायतें प्राप्त होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
संभागायुक्त कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, अनुज पटेल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत निलंबित किया गया है, और उनका मुख्यालय अब रायपुर स्थित आयुक्त कार्यालय होगा। शिकायतों के आधार पर तहसीलदार पटेल पर शासकीय कार्यों में लापरवाही और नागरिकों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया गया है।
तहसीलदार पर लगे आरोप और शिकायतें
धमतरी जिले के कलेक्टर को पहले ही तहसीलदार अनुज पटेल के खिलाफ शिकायतों की जांच करने और प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए गए थे। शिकायतों में कहा गया कि श्री पटेल बिना सक्षम स्वीकृति के मुख्यालय से बाहर रहते थे और राजस्व मामलों में न्यून प्रगति के कारण जनसामान्य को परेशानी हो रही थी। लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, जिससे कई मामलों का समय पर निपटान नहीं हो पा रहा था।
संभागायुक्त कावरे ने बताया कि तहसीलदार पटेल के खिलाफ मिली शिकायतें निरंतर बढ़ रही थीं, जिनमें मुख्यालय से अनुपस्थित रहने और शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही की प्रमुख शिकायतें शामिल थीं। इसके अलावा, पटेल की कार्यशैली को लेकर भी असंतोष व्यक्त किया गया था।
निलंबन की प्रक्रिया और भविष्य की कार्रवाई
कलेक्टर धमतरी द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि तहसीलदार पटेल को निलंबित किया जाए। संभागायुक्त ने धमतरी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि तहसीलदार पटेल के विरुद्ध आरोप पत्र, आरोपों का विवरण, गवाहों की सूची और संबंधित दस्तावेज सात दिनों के भीतर संभागायुक्त कार्यालय को प्रस्तुत किए जाएं।
संभागायुक्त कावरे ने स्पष्ट किया कि शासकीय कार्यों में अनुशासनहीनता और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों से उच्चतम स्तर की कार्यकुशलता और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है, और इस मामले में तहसीलदार पटेल की लापरवाही गंभीर है।
संभागायुक्त द्वारा इस निलंबन के बाद अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कड़ा संदेश गया है कि शासकीय नियमों और अनुशासन का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।