कोरबा, 22 सितंबर 2024: केंद्र सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 23 सितंबर 2024 को संयुक्त ट्रेड यूनियन (इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, वाम्स) द्वारा बालको के परसाभाटा में दोपहर 2:00 बजे से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और आम सभा का आयोजन किया जाएगा। इस धरने में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए चार नए श्रम कोडों और 44 श्रम कानूनों को समाप्त करने के विरोध में आवाज उठाई जाएगी।
एटक यूनियन के महासचिव सुनील सिंह ने बताया कि केंद्र में बैठी एनडीए सरकार के कार्यकाल में मजदूरों और किसानों पर निरंतर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी पूर्ण बहुमत के साथ इस सरकार ने ऐसे कानून लागू किए जो मजदूरों और छोटे व्यापारियों के हितों के खिलाफ थे। सुनील सिंह ने वन नेशन वन इलेक्शन की तर्ज पर पूरे देश में मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी एक समान करने की मांग उठाई, क्योंकि वर्तमान में हर राज्य में मजदूरी दरें अलग-अलग हैं।
उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि महंगाई आसमान छू रही है और बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन केंद्र सरकार इन समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। इन्हीं सब मुद्दों के खिलाफ 23 सितंबर को राष्ट्र व्यापी काला दिवस मनाया जाएगा।
इसके साथ ही, 23 सितंबर 2009 को बालको में हुए चिमनी हादसे की 15वीं वर्षगांठ परसाभाटा में मोमबत्ती जलाकर शहीद हुए श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।