कोरबा (छत्तीसगढ़). जिले के कुसमुंडा खदान क्षेत्र में ग्रामीणों और किसानों पर दहशत फैलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। श्रम सेवा विस्थापित कामगार संगठन ने 5 सितंबर 2024 को जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत पत्र सौंपा, जिसमें विकास नगर के निवासी और पार्षद अमरजीत सिंह और उनके लोगों द्वारा इलाके में आतंक फैलाने की बात कही गई है।
लगातार बढ़ रही गुंडागर्दी और असुरक्षा
शिकायत के मुताबिक, अमरजीत सिंह 2009 से लगातार इस क्षेत्र में गुंडागर्दी कर रहा है। पत्र में कहा गया है कि अमरजीत सिंह और उनके गुंडे किसानों और ग्रामीणों को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं, जिससे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है।
इसकी ताजा घटना 4 सितंबर 2024 की है, जब सुबह 9:30 बजे कुसमुंडा खदान में एक बैठक के दौरान अमरजीत सिंह और उनके समर्थकों ने श्रमिकों और किसानों को धमकाया। इस दौरान उन्होंने उन्हें जान से मारने की धमकी दी, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। यह पहली बार नहीं है जब अमरजीत सिंह और उनके समर्थकों पर ऐसे आरोप लगे हैं; इससे पहले भी उन्होंने SECL की संपत्ति में चोरी और अवैध कब्जे जैसे आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया है।
संपत्ति की चोरी और अवैध कब्जे के आरोप
शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख है कि अमरजीत सिंह और उनके सहयोगियों पर SECL की संपत्ति से टैंकर चोरी करने का भी आरोप है। ग्रामीणों ने इस चोरी को पकड़ने का प्रयास किया था, लेकिन इसके बावजूद आज तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस लापरवाही के कारण क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
संगठन की मांगें और प्रशासन से कार्रवाई की अपील
श्रम सेवा विस्थापित कामगार संगठन ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में किसी भी ग्रामीण या किसान के साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अमरजीत सिंह और उनके गुंडों पर होगी। उन्होंने यह भी मांग की है कि अमरजीत सिंह और उनके सहयोगियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि कुसमुंडा खदान और आसपास के क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा का माहौल बना रहे।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। पिछले कई सालों से अमरजीत सिंह और उनके गुंडों द्वारा लगातार गुंडागर्दी और आपराधिक गतिविधियां की जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन और पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो आज स्थिति इतनी भयावह नहीं होती।
अमरजीत सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं, और यदि समय रहते इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। श्रम सेवा विस्थापित कामगार संगठन द्वारा उठाई गई मांगें उचित हैं, और जिला प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
इस शिकायत पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, पुलिस महानिरीक्षक और अन्य उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई है, ताकि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
खबर छत्तीसी ने अमरजीत सिंह का पक्ष जाने के लिए उन्हें 4 से 5 बार कॉल लगाया पर वह कॉल रिसीव नहीं किये.