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बालको खेलों को बढ़ावा देने के लिए सदैव रहा अग्रणी

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भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने औद्योगिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के साथ ही, खेलों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बालको ने शुरुआत से ही खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन के माध्यम से स्थानीय समुदाय में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।

खेलकूद को प्रोत्साहित करने का सफर

1974 में बालको लेडिज क्लब ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू किया। इसके बाद 1976 में लेडिज क्लब ने बच्चों और बड़ों के लिए इनडोर और आउटडोर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कीं। इसी साल बालको की “अग्रदूत कमेटी” ने बाल दिवस के अवसर पर “त्रिटंगी” जैसे रोचक खेलों का आयोजन कर नई परंपराएं शुरू कीं। 1976 में कंपनी द्वारा साइकिल रिक्शा रेस आयोजित कर ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता भी फैलाई गई।

मिनी ओलंपिक और वार्षिक खेल आयोजन

बालको ने 1976 में “मिनी ओलंपिक” की शुरुआत की, जिसमें स्मेल्टर, एल्यूमिना, एडमिनिस्ट्रेशन, कंस्ट्रक्शन, और सीआईएसएफ की टीमें शामिल होती थीं। इस आयोजन में लंबी कूद, ऊँची कूद, जेविलियन थ्रो, डिस्कस थ्रो, वेटलिफ्टिंग जैसी कई प्रतिस्पर्धाएं शामिल रहीं। इसके बाद 1977 से वार्षिक खेल आयोजन भी शुरू हुआ, जिसमें फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी और क्रिकेट जैसी प्रतिस्पर्धाएं होती थीं।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बालको की सफलताएं

बालको ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी भाग लिया और कई बार विजेता रही। 1979 में अकलतरा में आयोजित वालीबॉल प्रतियोगिता में बालको की टीम रनर-अप रही, जबकि 1982 में एनटीपीसी कोरबा द्वारा आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में बालको ने जीत हासिल कर शील्ड अपने नाम की। 1986 में छत्तीसगढ़ राज्य स्तर की कई प्रतियोगिताओं में भी बालको की टीमों ने सफलता प्राप्त की।

ग्रामीण खेलों का आयोजन

1989 में बालको ने ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं की शुरुआत की, जिसमें वालीबॉल, कबड्डी, ऊँची कूद, गोला फेंक, भाला फेंक जैसी प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इनमें आसपास के गाँवों, जैसे दोंदरो, भदरापारा और लालघाट के युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इससे बालको ने स्थानीय खेलों को भी नई पहचान दी और ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाई।

खेलों को निरंतर बढ़ावा देने की पहल

विनिवेशीकरण के बाद भी बालको ने खेलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखा। कंपनी ने अंबेडकर स्टेडियम में अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया और राज्य स्तरीय गर्ल्स जूनियर कबड्डी टूर्नामेंट की मेजबानी भी की। साथ ही, “बालको प्रीमियर लीग” और विभागीय फुटबॉल तथा वॉलीबॉल टूर्नामेंट जैसे आयोजनों के माध्यम से कर्मचारियों को खेलों में हिस्सा लेने के अवसर प्रदान किए।

खेल उपकरणों का वितरण और भविष्य की योजनाएं

स्थानीय समुदाय के बच्चों में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए बालको ने स्पोर्ट्स किट्स का भी वितरण किया है। कंपनी का लक्ष्य न केवल अपने कर्मचारियों बल्कि आसपास के क्षेत्र के युवाओं को भी खेलों के प्रति प्रेरित करना है।

बालको ने खेलों को बढ़ावा देने के प्रति अपना एक मजबूत और स्थायी योगदान दिया है। कंपनी का समर्पण सिर्फ औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के समग्र विकास के लिए खेल को भी एक महत्वपूर्ण साधन माना गया है। बालको की इस पहल से भविष्य में और भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभर कर सामने आएंगे, जो देश का नाम रोशन करेंगे।

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