कोरबा: जिला कोरबा के ग्राम पंचायत रजगामार के अंतर्गत स्थित गाँव आमाडांड में शमशान घाट पर अतिक्रमण और मट (मिट्टी के ढेर) तोड़े जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय आदिवासी समुदाय का दावा है कि यह शमशान घाट उनके पुरखों का है, जहाँ वे अपने परिजनों की अंतिम संस्कार की रस्म पूरी करते हैं और उनकी याद में हर साल मिट्टी के ढेर पर दीया जलाकर श्रद्धांजलि देते हैं।
इस मामले में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपा है। संगठन ने आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष नवम्बर 2023 में कुछ अज्ञात लोगों ने जेसीबी मशीन से इस शमशान घाट में बने सैकड़ों मट को तोड़ दिया था, जिससे गाँव के लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुँची। इसके बाद गाँव वालों ने कलेक्टर कोरबा के सामने शिकायत दर्ज कराई, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे भूमि माफियाओं का मनोबल और बढ़ गया।
पिछले माह अक्टूबर 2024 में फिर से पुष्पा पांडे और संजु उर्फ टिंकु राय नामक व्यक्तियों द्वारा शमशान घाट में कब्जा करने का प्रयास किया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के जिला अध्यक्ष अतुल दास महंत ने अपने सदस्यों के साथ स्थल का दौरा किया और पाया कि कुछ मट अभी भी शेष हैं, जबकि कई मट को तोड़ दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जमीन की खुदाई की जाए, तो बड़ी संख्या में नर कंकाल मिलने की संभावना है, जो उनके पुरखों के अवशेष हैं।
इस क्षेत्र को भारतीय संविधान के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है क्योंकि यह पांचवीं अनुसूची में शामिल है, जहाँ आदिवासी समुदाय की विशेष सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। अतः संगठन ने मुख्यमंत्री से इस मामले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने और भूमि पर कब्जे में शामिल लोगों तथा स्थानीय राजस्व अधिकारियों की संलिप्तता की जाँच कर कार्यवाही करने की माँग की है।
इस घटना से क्षेत्रीय निवासियों में आक्रोश है, और वे इस मामले में त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।