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सात दिन में जवाब न देने पर कार्रवाई तय, कोरबा नगर निगम के दो अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप

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कोरबा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने कोरबा नगर पालिक निगम के अधीक्षण यंत्री एम.के. वर्मा और सहायक अभियंता राहुल मिश्रा पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। विभाग ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सात दिन के भीतर जवाब न देने पर एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, 14वें और 15वें वित्त आयोग की योजनाओं और अधोसंरचना मद के कार्यों की धीमी प्रगति के कारण यह कदम उठाया गया है। सहायक अभियंता राहुल मिश्रा को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप है, और अब उन्हें निलंबित किए जाने की संभावना पर चर्चा तेज हो गई है।

कारण बताओ नोटिस जारी

अध्यक्षीय अभियंता एम.के. वर्मा को जारी नोटिस में कहा गया है कि विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई नगरीय निकायों की समीक्षा बैठक में यह सामने आया कि 15वें वित्त आयोग और अधोसंरचना मद के कार्य में कोरबा नगर निगम की प्रगति काफी धीमी रही है। विभाग द्वारा कार्य हेतु राशि जारी की जा चुकी है, लेकिन निगम ने अब तक ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया है। इस लापरवाही को अधिकारियों की कार्य के प्रति अरुचि मानते हुए, विभाग ने कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया है।

सस्पेंशन की चेतावनी

विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सहायक अभियंता राहुल मिश्रा से जब कार्य प्रगति पर सवाल किए गए, तो वे सवालों के जवाब देने में असफल रहे, जिससे उनकी कार्य के प्रति संजीदगी पर सवाल उठे। उन्हें बार-बार सस्पेंशन की चेतावनी दी जा रही है। विभाग का कहना है कि 7 दिन में जवाब न देने की स्थिति में उन पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।

ठेकेदारों का भुगतान लंबित, कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने जताई आपत्ति

नगर निगम कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने इस मामले में पूर्व में निगम आयुक्त को पत्र दिया था। ठेकेदारों का कहना है कि कार्य पूरा होने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की थी।

दंड प्रक्रिया होगी सख्त

सूत्रों के अनुसार, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, नवा रायपुर अटल नगर द्वारा जारी इस नोटिस में साफ तौर पर संकेत दिया गया है कि नियमों के अनुसार प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा कर्मचारियों की नियुक्ति तथा सेवा के निबंधन एवं शर्ते) नियम 2018 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों के लिए चेतावनी स्पष्ट है कि सात दिनों के भीतर संतोषजनक उत्तर न मिलने की स्थिति में एकपक्षीय कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में देखने की बात होगी कि अधिकारी किस प्रकार से इस चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हैं और नगर निगम की अधोसंरचना मद से जुड़े कार्यों को कैसे गति प्रदान करते हैं।

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