बिलासपुर: छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने विशेष अभियान 4.0 के तहत 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक स्वच्छता और प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस अभियान का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ावा देना और लंबित फाइलों, ई-फाइलों, तथा शिकायतों के निपटारे को तेज करना है।
स्क्रैप हटाने का बड़ा लक्ष्य
अभियान के तहत एसईसीएल ने 2200 मेट्रिक टन स्क्रैप हटाने का लक्ष्य रखा है, जिससे 30 लाख वर्ग फुट जगह खाली होगी। इस खाली स्थान का पुनः उपयोग किया जाएगा, जिससे लगभग 10 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
डिजिटल गवर्नेंस और लंबित फाइलों का निपटारा
एसईसीएल ने अभियान के तहत पुरानी और लंबित फाइलों/ई-फाइलों के त्वरित निपटारे का भी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा, डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑफिस का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, जिससे कागजी कामकाज कम होगा और आंतरिक प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
अभियान की मुख्य गतिविधियाँ
1. सार्वजनिक शिकायतों का निपटारा: शासन को सुव्यवस्थित करने के प्रयासों के तहत लंबित सार्वजनिक शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
2. स्थान और रिकॉर्ड प्रबंधन: पुरानी फाइलों की समीक्षा, बंदी, और स्क्रैप निपटान के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की पहचान की जाएगी।
3. स्वच्छता की पाठशाला: बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न स्कूलों में स्वच्छता की पाठशाला और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जा रहा है।
4. सफाई अभियान और सम्मान समारोह: 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत एसईसीएल द्वारा विशेष सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें नदियों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई। सफाई मित्रों को उपहार देकर सम्मानित किया गया।
एसईसीएल, जो भारत की दूसरी सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनियों में से एक है, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में 60 से अधिक कोयला खदानों का संचालन करती है। कंपनी कोरबा जिले में दुनिया की दो सबसे बड़ी कोयला खदानों, गेवरा और कुसमुंडा, का भी संचालन करती है।
एसईसीएल का यह विशेष अभियान स्वच्छता और प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता देते हुए कार्यालयों को स्वच्छ और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।