संचार क्रांति के इस युग में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को चकमा देना शुरू कर दिया है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम नामक नई ठगी का तरीका सामने आया है, जिसमें पीड़ितों को हथकड़ी और लोकलाज का डर दिखाकर लाखों रुपए ठगे जा रहे हैं। साइबर ठग पीड़ितों को वीडियो कॉल पर धमकाकर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं।
कोरबा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा सजग कोरबा अभियान के तहत नगरवासियों से अपील की गई है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश पर ध्यान न दें और अपनी निजी जानकारी साझा न करें। इस स्कैम के तहत ठग पीड़ितों को यह कहकर डराते हैं कि उन्होंने आपत्तिजनक कंटेंट देखा है या उनके नाम पर गिरफ्तारी वारंट है। इसके बाद उन्हें जमानत के लिए पैसे देने पर मजबूर किया जाता है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है?
1. डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर अपराध का नया तरीका है, जिसमें स्कैमर्स पीड़ित को वीडियो कॉल पर डरा-धमकाकर घर पर ही कैद कर लेते हैं।
2. साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ितों से पैसों की मांग करते हैं और डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम से कैसे बचें?
अज्ञात कॉल का जवाब न दें: किसी भी अज्ञात कॉल पर बैंकिंग या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
वित्तीय जानकारी गुप्त रखें: अपने बैंक खातों से संबंधित जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
आधिकारिक पुष्टि करें: किसी भी सरकारी एजेंसी या बैंक से प्राप्त कॉल की आधिकारिक पुष्टि करें।
वीडियो कॉल पर धमकी से सावधान रहें: किसी भी वीडियो कॉल पर धमकी देने वाले व्यक्ति से तुरंत संपर्क समाप्त करें।
परिवार और पुलिस से संपर्क करें: किसी भी ठगी की आशंका होने पर तुरंत अपने परिजनों या पुलिस से संपर्क करें।
पुलिस की यह चेतावनी सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे साइबर ठगों से बच सकें और अपनी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें। सजग रहें, सतर्क रहें।