कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर चुनाव में इस बार एक नया चेहरा चर्चा में है। रेनू जायसवाल, जिन्हें लोग ‘कलम वाली बाई’ के नाम से जानते हैं, अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समाजसेवी और उद्योगपति रेनू जायसवाल को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतारने के लिए सक्रिय हो गए हैं। रेनू जायसवाल के समर्थक मानते हैं कि उनके मैदान में आने से चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल सकते हैं, क्योंकि पार्टी राजनीति से हटकर वे एक नया विकल्प पेश करेंगी।
अब तक की राजनीतिक स्थितियों की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने महापौर चुनाव के लिए एक मजबूत उम्मीदवार नहीं उतारा, जो जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सके। इससे जनता में असंतोष और निराशा देखने को मिल रही है। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में नगर निगम की स्थिति संतोषजनक नहीं रही, जिसके चलते जनता में नाराजगी का माहौल बना है। वहीं भाजपा के सत्ता में आने के बाद भी शहरी विकास के मोर्चे पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, जिससे भाजपा को भी आलोचना का सामना करना पड़ा।
कोरबा की सड़कों पर झाड़ू लगाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले भाजपा के नेताओं ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। लेकिन अब जब भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार में डेढ़ साल से अधिक समय हो चुका है और नगरीय विकास के मोर्चे पर कोई खास काम नहीं हुआ है, तो लोग इससे भी नाराज हैं।
रेनू जायसवाल का नाम अब लोगों की जुबान पर है, क्योंकि वे नगर निगम की गंदगी को साफ करने का वादा कर रही हैं। उनकी उम्मीदवारी से नगर निगम की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार को लेकर जनता में एक नई उम्मीद जागी है। लोग मानते हैं कि रेनू जायसवाल का चुनावी मैदान में आना एक बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है, और शायद अब तक की दो प्रमुख पार्टियों के बीच की राजनीति को दरकिनार करते हुए जनता को अपना महापौर मिलेगा।
इस बीच रेनू जायसवाल ने अभी तक अपनी उम्मीदवारी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर निगम के चुनाव में उनकी भागीदारी से अब यह साफ नजर आ रहा है कि कोरबा की जनता इस बार पार्टी लाइन से हटकर एक स्वतंत्र और ईमानदार नेतृत्व की ओर देख रही है।
यह चुनाव महज राजनीतिक दलों के मुकाबले का नहीं, बल्कि एक बदलाव की उम्मीद का प्रतीक बन चुका है। लोगों की यह सोच स्पष्ट हो गई है कि इस बार महापौर जनता का, उनके मुद्दों को समझने वाला और उनकी जरूरतों के हिसाब से काम करने वाला होना चाहिए। चुनावी रणभूमि में रेनू जायसवाल का नाम अब एक उम्मीद की तरह सामने आ रहा है, जो कोरबा की राजनीति में एक नई दिशा दे सकता है।