समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और उनके बुलडोजर नीति पर एक तीखा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर के प्रतीकात्मक उपयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बुलडोजर और योगी सरकार का मॉडल इतना सफल है, तो क्यों न वे एक अलग पार्टी बनाकर ‘बुलडोजर’ चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ें। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि ऐसा करने पर भाजपा का भ्रम और घमंड दोनों टूट जाएंगे।
अखिलेश यादव ने भाजपा के वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए भी कई नेता “नहीं” के बराबर हैं, और उनकी स्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें जल्द ही अलग पार्टी बनानी पड़ेगी। इस बयान से उन्होंने न केवल योगी सरकार के बुलडोजर नीति पर सवाल उठाया, बल्कि भाजपा के भीतर नेतृत्व की कमी और असंतोष को भी उजागर किया।
"बुलडोजर में दिमाग नहीं होता है, स्टेरिंग होता है उसमें। उत्तर प्रदेश की जनता या दिल्ली वाले कब किसका स्टेरिंग बदल दें।"
— Kuldeep Yadav (@kuldeepyadavsp_) September 4, 2024
– माननीय श्री अखिलेश यादव जी #AkhileshYadav pic.twitter.com/LPfvPJ7VwF
इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कई बार बुलडोजर नीति की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने इसे जनता के अधिकारों का हनन बताया है। उनका मानना है कि यह नीति केवल भाजपा के राजनीतिक हितों को साधने के लिए इस्तेमाल की जा रही है, न कि वास्तविक न्याय और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए।
अखिलेश यादव के इस बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। उनके बयान से भाजपा को सीधे तौर पर चुनौती मिली है और यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। सपा प्रमुख का यह बयान भाजपा के बुलडोजर नीति के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच एक नई रणनीति को जन्म दे सकता है, जिससे भाजपा को चुनावों में कड़ी टक्कर मिल सकती है।